Ventilator Kya Hai | वेंटिलेटर कैसे काम करता है? पूरी जानकारी

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हेलो दोस्तो आप लोग कैसे है? उम्मीद करते है ईश्वर की दुआ से आप लोग अच्छे होंगे। दोस्तो आज हम बात करने वाले है कि, Ventilator Kya Hai? | वेंटिलेटर कैसे काम करता है? What is Ventilator in hindi. व्हाट इज वेंटिलेटर इन हिंदी? पूरी जानकारी।

आपने टीवी में या फिर समाचार पत्रों में कई बार देखा होगा कि फलाना व्यक्ति को वेंटिलेटर पर रखा गया है| सामान्य तौर पर Ventilator के बारे में सुनकर लोगों को काफी घबराहट होती है और लोगों को ऐसा लगता है कि अगर किसी व्यक्ति को वेंटिलेटर पर रख दिया गया है तो इसका मतलब उसकी जान को खतरा है और उसका जिंदा रह पाना मुश्किल है और एक आखरी उपाय के तौर पर उसे वेंटिलेटर पर लिटा दिया गया है।

परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ऐसा कुछ भी नहीं है| हां वेंटिलेटर का इस्तेमाल गंभीर सिचुएशन में किया जाता है| Ventilator का इस्तेमाल करके मरीज को मानव निर्मित ऑक्सीजन दी जाती है, क्योंकि मरीज की बॉडी सही से ऑक्सीजन प्राप्त नहीं करती है|

इसीलिए उसे ऑक्सीजन देने के लिए वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जाता है| वेंटिलेटर को ब्रीथिंग मशीन (Breathing Machine) के नाम से भी जानते हैं, आइए आगे जानते हैं कि “Ventilator Kya Hai?”  वेंटिलेटर क्या है? वेंटीलेटर का इस्तेमाल कब किया जाता है|

Contents

वेंटिलेटर क्या होता है? – Ventilator Kya Hai? पूरी जानकारी

आपको बता दें कि, वेंटिलेटर एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक मशीन होती है और इसका इस्तेमाल हॉस्पिटल में मरीजों को Oxygen देने के लिए किया जाता है| जब किसी मरीज को प्राकृतिक तौर पर ऑक्सीजन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, तो उसकी बॉडी में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए वेंटीलेटर का इस्तेमाल किया जाता है|

Ventilator Machine की सहायता से पेशेंट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है, जिसके कारण उसके स्वास्थ्य में सुधार आता है|वेंटिलेटर की सहायता से दिया जाने वाला ऑक्सीजन रोगी की बॉडी में जाकर ऑक्सीजन को पंप करने का काम करता है|

वर्तमान के समय में Corona महामारी चल रही है और कोरोना महामारी में वेंटिलेटर की डिमांड सबसे ज्यादा है| Corona Virus के कारण पेशेंट के फेफड़े को काफी नुकसान होता है, जिसके कारण मरीज को प्राकृतिक तौर पर सांस लेने में दिक्कत होती है और धीरे-धीरे मरीज की बॉडी में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण उसकी बॉडी में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए Ventilator की सहायता से उसे कृतिम ऑक्सीजन दी जाती है|

वेंटिलेटर का आविष्कार कब हुआ?

वेंटिलेटर का आविष्कार 18वीं शताब्दी में हुआ था, हालांकि उसके बाद से वेंटीलेटर मशीन की टेक्नोलॉजी में कई बदलाव हुए|

वेंटीलेटर कितने प्रकार का होता है? – Type of Ventilator in Hindi

वेंटीलेटर टोटल तीन प्रकार के होते हैं, जो निम्नानुसार है|

पिस्टन वेंटिलेटर (Piston Ventilator)

टर्बाइन वेंटिलेटर (Turbine Ventilator)

एक्सटर्नल एयर ड्रिवन वेंटिलेटर (External Air Driven Ventilator)

कोरोना पेशेंट का इलाज वेंटीलेटर से कैसे होता है

कोरोनावायरस की इस महामारी में कई लोगों को फेफड़ों में इन्फेक्शन होता है, जिसके कारण उन्हें प्राकृतिक तौर पर सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और सांस लेने में अत्याधिक दिक्कत के कारण उन्हें जब हॉस्पिटल में एडमिट किया जाता है तो सबसे पहले उन्हें वेंटिलेटर मशीन पर रखा जाता है|

इसके बाद एक सांस लेने वाली ट्यूब को वेंटिलेटर मशीन में जोड़कर आपके नाक या मुंह के द्वारा आपके फेफड़े में डाला जाता है, जिसे Intubation कहा जाता है| इस प्रकार वेंटिलेटर मशीन की सहायता से आपको कृतिम तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई आपके फेफड़ों में की जाती है|

इमरजेंसी की अवस्था में Breathing Tube आपकी सांस लेने की नली में डाली जाती है और उसमें एक छेद बनाया जाता है, जिसके बाद वेंटीलेटर मशीन की सहायता से वायु के दबाव को आपके फेफड़ों में भेजा जाता है|कुछ वेंटिलेटर ऐसे होते हैं, जो लाइट पर काम करते हैं तो कुछ वेंटिलेटर बैटरी पर भी चलते हैं|

वेंटिलेटर कैसे काम करता है

रोगी को वेंटिलेटर पर ले जाने से पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है| दूसरे मामलों में यह प्रक्रिया सामान्य होती है, परंतु कोरोना इनफेक्शन में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो Medical Staff के अंदर भी Coronavirus Infection फैलने का खतरा बढ़ जाता है|

इस प्रक्रिया में रोगी को आक्सीजन देने के लिए उसकी बॉडी में नली लगाई जाती है और फिर सांस नली को वेंटिलेटर मशीन से जोड़ दिया जाता है और फिर समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार मेडिकल स्टाफ हवा का लेवल बढ़ाते रहते हैं ताकि रोगी के फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में और बराबर ऑक्सीजन पहुंचती रहे|

मार्केट में वेंटिलेटर की कीमत कितनी है

कोरोनावायरस के कारण Ventilator ki kimat में काफी उछाल आया है और हमारे भारत देश में वेंटीलेटर की कमी का एक कारण इसकी मार्केट प्राइस भी है| हमारे भारत देश में वेंटीलेटर की कीमत ज्यादा है| भारतीय मार्केट में वेंटिलेटर मशीन की कीमत ₹500000 से लेकर ₹800000 के आसपास है|

हालांकि भारतीय कंपनी Mahindra and mahindra Company ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि कंपनी सिर्फ ₹75000 में वेंटिलेटर का निर्माण करेगी, जिसके कारण देश के हॉस्पिटल में वेंटिलेटर की समस्या का समाधान हो सके|

वेंटीलेटर बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल होता है

वेंटिलेटर बनाने के लिए सेंसर, डिस्प्ले सेल्यूलाइट वोल्वो, ट्यूबिंग और प्रेशर रेगुलेटर,इन्सेपेरेट्री और एक्सपेरेट्री वॉल्व, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड तथा टरबाइन का इस्तेमाल होता है|

इंडिया के पास टोटल कितने वेंटिलेटर हैं

अगर हम इंडिया के पास वेंटिलेटर की संख्या के बारे में बात करें तो इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक वर्तमान में हमारे भारत देश के सरकारी हॉस्पिटल में टोटल 14220 आईसीयू वेंटीलेटर हैं| इसके अलावा सरकारी और कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोनावायरस मरीजों के इलाज के लिए 6000 हजार वेंटीलेटर का भी इंतजाम किया है|

भारत में मौजूद सभी वेंटिलेटर में से सिर्फ 10% वेंटीलेटर ही इंडिया में बनाए गए हैं, बाकी के सभी वेंटिलेटर विदेशों से आयात किए गए हैं| हालांकि कई भारतीय कंपनियां वेंटीलेटर बनाने की कोशिश कर रही हैं, साथ ही कई कार कंपनियां जैसे कि मारुति सुजुकी भी वेंटिलेटर का निर्माण करने में लगी है|

वेंटीलेटर मशीन क्या काम करती है?

वेंटीलेटर मशीन रोगी के फेफड़े में ऑक्सीजन भेजने का काम करती है| इसके अलावा यह रोगी की बॉडी से कार्बन डाइऑक्साइड गैस को बाहर निकालती है| वेंटिलेटर मशीन इसके अलावा रोगी को सरलता से कृत्रिम सांस लेने में हेल्प करती है| यह रोगी को कृत्रिम सांस देती है|

आपको एक आवश्यक बात अवश्य बता दें कि, वेंटीलेटर का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करने के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि वेंटीलेटर का इस्तेमाल इलाज के दरमियान रोगी को सांस लेने में सहायता करने के लिए किया जाता है|

वेंटिलेटर का इस्तेमाल कब किया जाता है

जब पेशेंट को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, तब उसे वेंटिलेटर मशीन पर रखा जाता है| वेंटिलेटर मशीन पेशेंट को कृत्रिम तौर पर सांस लेने में सहायता करती है| यह मशीन ब्रीथिंग टयूब के द्वारा रोगी के फेफड़े में हवा भरने का काम करती है और यह मशीन रोगी के फेफड़े से कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालती है| यह मशीन बिल्कुल उसी तरह काम करती है,जैसे नेचुरल तौर पर फेफड़े काम करते हैं| इसके अलावा भी वेंटिलेटर मशीन का इस्तेमाल किसी भी प्रकार की सर्जरी के दरमियान किया जाता है|

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Conclusion

उम्मीद है आपको ये “Ventilator Kya Hai?” “वेंटिलेटर कैसे काम करता है?” जानकारी अच्छा लगा होगा। आप इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।


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RK is the Author & Founder of the sahihoga.in . He has also completed his graduation in engineering

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