KYC Kya Hai? केवाईसी क्यों जरूरी होता है? KYC Full Form in Hindi

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यदि आपको भी Kyc करने के लिए कहा गया है पर आप नहीं जानते यह “KYC Kya Hai? केवाईसी क्यों जरूरी होता है?” तो आप इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें। आपने कई बार बैंक Kyc, पेटीएम केवाईसी या फिर PhonePe केवाईसी के बारे में सुना होगा। क्या आप जानते हैं कि आखिरकार यह kyc होती क्या है।

हमें अपने बैंक अकाउंट या फिर पेटीएम अकाउंट या फिर दूसरे अकाउंट की केवाईसी क्यों करानी पड़ती है? अगर आप किसी बैंक में खाता खुलवाने जा रहे हैं। या फिर आप कहीं पर अपना पैसा निवेश करने जा रहे हैं तो वहां पर अपने अकाउंट का केवाईसी करना बहुत ही जरूरी है।

क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि आखिर हमें केवाईसी कराना क्यों जरूरी है। तो आइए अब हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से केवाईसी से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से देते हैं।

Contents

KYC Kya Hai ?

आवश्यक दस्तावेजों की मदद से जब कोई कंपनी/ वित्तीय प्रणाली अपने उपभोक्ताओं के बारे में जानती है तो उसे Kyc कहा जाता है। Kyc ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है

इन दिनों हर व्यक्ति जो किसी भी वित्तीय प्रणाली फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ा हुआ है उसके लिए केवाईसी के बारे में जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि फाइनेंशियल सेक्टर में जितने भी प्लेटफार्म या कंपनियां है वह सभी kyc के माध्यम से अपने ग्राहक की पहचान करती हैं।

दरअसल कंपनियां या बैंक केवाईसी के माध्यम से यह कंफर्म करती है कि जो उसका ग्राहक है उसका एड्रेस और नाम क्या है। जिससे कि वह ग्राहक उनकी कंपनी के साथ कोई फ्रॉड ना कर सके। या कहें कि केवाईसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक ग्राहक बैंक या कंपनी को अपना पहचान बताता है।

KYC क्यों जरूरी है?

बैंक में नया खाता खोलना हो या फिर पैसा निवेश करना हो बैंक हो गया कोई भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन मैं केवाईसी आज अनिवार्य हो चुकी है।

दरअसल केवाईसी करने का प्रमुख उद्देश्य अपने कस्टमर्स के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करके कस्टमर को समझना है ताकि कस्टमर को किसी तरह की आपराधिक गतिविधियो फसने से या लिप्त होने से रोका जा सके

केवाईसी करने के पश्चात जब कंपनी बैंक के पास यूज़र की पर्याप्त डिटेल जैसे नाम, पता, authentic signature इत्यादि मिलती हैं तो इस डाटा से कंपनी को यूजर को वेरीफाई करने में आसानी होती है जिससे फ्रॉड और असली व्यक्ति के बीच में फर्क समझा जाता है।

अतः संक्षेप में कहें तो केवाईसी के माध्यम से बैंक या दूसरी कंपनियां अपने ग्राहकों को आसानी से जान और समझ सकती हैं। इसके माध्यम से मनी लांड्रिंग केस और अपराधिक गतिविधियों को रोका जा सकता है।

KYC Full Form in Hindi

Kyc का संक्षिप्त नाम “know your customer” होता है जिसका मकसद अपने ग्राहके के बारे में जानकारी हासिल करना होता है इसलिए अक्सर kyc को know your client के रूप में भी परिभाषित किया जाता है।

अगली बार जब आपको कहीं भी केवाईसी शब्द सुनाई दे तो आप आसानी से ही उसका मतलब समझ पाएंगे पर क्या आप जानते हैं।

Kyc के प्रकार

आपके जानकारी के लिए बता दें कि केवाईसी दो तरीके की होती है। पहली KYC होती है और दूसरी E- KYC। आइए दोनों को समझते है।

E-kyc

E-KYC एक पेपर लैश प्रक्रिया है जिसमें बिना भौतिक दस्तावेजों के ग्राहक को electronic डाक्यूमेंट्स को प्रमाणित किया जाता है। ई केवाईसी के लिए अक्सर इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इन दिनों सभी सरकारी और गैर सरकारी बैंक, वित्तीय संस्थान ऑनलाइन अपने ग्राहकों को खाता खोलने/लोन लेने इत्यादि कई सुविधाएं दे रहे हैं जिसके लिए पहले ग्राहक का E-kyc से प्रमाणित करवाना अनिवार्य होता है।

आजकल आधार E-kyc भी काफी प्रचलित है जिसमें इलेक्ट्रॉनिकली यूजर को आधार कार्ड के जरिए वेरीफाई किया जाता है। आपकी जानकारी हेतु बता दें कोई भी व्यक्ति या निवेशक जिसने केवाईसी नहीं की है वह E-kyc का प्रयोग करके खुद को प्रमाणित कर सकता है

KYC Jankari Hindi Main

Aadhar card, pan card जैसे आवश्यक document से बैंक, कंपनियां भौतिक रूप से यूजर को वेरीफाई करती हैं। ताकि कोई व्यक्ति यदि कंपनी के साथ धोखाधड़ी करना चाहे तो आसानी से पकड़ा जा सके।

Example के तौर पर अगर आप एक बैंक अकाउंट खुलवाते हैं तो आपके डाक्यूमेंट्स को प्रमाणित करने के लिए कंपनी का एजेंट आपके घर पर आता है और आपके पैन कार्ड आधार कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने के बाद ही आपका खाता खुलता है तो यह एक बेहतरीन उदाहरण है केवाईसी का!

KYC के लिए Important Documents

जब आप किसी बैंक या फिर किसी कंपनी या फिर आप अगर कोई नया सिम देते हैं तो उसके लिए केवाईसी कराना बहुत ही अनिवार्य हो गया है। अगर आप केवाईसी कराने जाते हैं तो इसके लिए आपको आपने कुछ जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं। आइए अब हम आपको बताते हैं कि केवाईसी के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।

● आधार कार्ड
● पैन कार्ड
● ड्राइविंग लाइसेंस
● राशन कार्ड
● पासपोर्ट फोटो

Kyc का इस्तेमाल कहां कहा होता है ?

अगर आप जानना चाहते हैं कि केवाईसी का इस्तेमाल हम कहां कहां पर कर सकते हैं। इसके अलावा हम आपको यह भी बताएंगे कि केवाईसी का इस्तेमाल कहां कहां होता है और किन किन जगह पर केवाईसी कराना अनिवार्य है।

अगर आप किसी बैंक में अकाउंट ओपन करते हैं। तो आपको सबसे पहले अपने बैंक अकाउंट का केवाईसी कराना जरूरी है। बगैर केवाईसी के आप किसी भी बैंक में अपना अकाउंट ओपन नहीं करा सकते हैं।

अगर आप किसी भी कंपनी का सिम लेते हैं तो आपको अपने सिम का केवाईसी कराना अनिवार्य है। अब आप बिना केवाईसी के सिम नहीं ले सकते हैं।

इसके अलावा अगर आप म्यूच्यूअल फंड या फिर किसी कंपनी में निवेश करते हैं। तो आपको उस कंपनी में केवाईसी कराना जरूरी है। बिना केवाईसी के आप किसी भी कंपनी में निवेश नहीं कर सकते हैं।

अगर आप शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले केवाईसी कराना अनिवार्य है। शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने के लिए जो आप डिमैट अकाउंट ओपन कर आते हैं वह डिमैट अकाउंट आपका बिना केवाईसी के ओपन नहीं होगा।

अगर आप अपने पैसे को सोने पर निवेश करने की सोच रहे तो आपको इसके लिए भी केवाईसी कराना अनिवार्य है । बिना केवाईसी के आप सोने पर निवेश नहीं कर सकते हैं।

तो केवाईसी की उपयोगिता को समझते हुए आप अंदाजा लगा सकते हैं आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में केवाईसी का प्रयोग हो रहा है और आज यूजर्स के लिए केवाईसी बेहद महत्वपूर्ण हो चुकी है.

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से KYC kya hai? केवाईसी क्या है? केवाईसी का फुल फॉर्म क्या है? और केवाईसी क्यों जरूरी है, के बारे में हमने आपको संपूर्ण जानकारी संक्षेप में दी है। दोस्तों आशा करता हूं कि आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद Kyc को बेहद आसानी से समझ गए होंगे।


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RK is the Author & Founder of the sahihoga.in . He has also completed his graduation in engineering

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